Dr. Paramjeet Singh – Founder & Senior Consultant @Delhi Mind Clinic Karol Bagh shares his expert opinion on the panic disorder in Dainik Bhaskar – a leading daily newspaper published across India.
Q. पैनिक अटैक का खतरा युवाओं को अधिक क्यों होता है?
A. पैनिक अटैक शुरू होने की औसत उम्र 24 साल है। यह युवा लोगों मे अधिक देखा जाता है इसका कारण युवाओं मे विषम परिस्थिति और तनाव का सही सामना ना कर पाना भी हो सकता है। नशा और खराब लाइफस्टाइल भी इसका खतरा बढ़ा देते हैं।
Q. मानसिक अस्थिरता बहुत ज्यादा है। अनावश्यक विचारों की एक श्रृंखला चलती रहती है। वर्तमान में नहीं रह पाता। यह क्या है?
A. ये लक्षण न्यूरोसिस ग्रुप की बीमारियों का संकेत हैं। डिप्रेशन, स्ट्रेस, एंग्जाइटी, ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर वो बीमारियां हैं जिनमें ऐसे लक्षण दिखते हैं। ये अधिक तनाव की स्थिति में भी दिख सकते हैं।
Q. कोई विचार लंबे समय तक दबा कर रखने से भी पैनिक अटैक का खतरा बढ़ता है क्या?
A. जी हां, कोई विचार मन में बहुत समय तक दबा कर रखने से भी पैनिक अटैक का खतरा बढ़ता है। इससे बचने के लिए सामाजिक दायरा बढ़ाएं, परिवार और मित्रों से जुड़े रहें। अपनी बात मन में ना रखें। परिजनों से साझा करें। अकेलेपन से बचें इसके लिए डायरी भी लिखी जा सकती है कोई हॉबी या शौक में भी समय देने का प्रयास करें। शारीरिक फिटनेस का भी ध्यान रखें।
Q. सांस लेने में तकलीफ, सीने में जकड़न, दम घुटने का अहसास, अचानक पसीना आना क्या पैनिक अटैक हो सकता है?
A. जी ये सभी लक्षण पैनिक अटैक मे दिखाई पड़ते हैं। इसके अलावा अचानक घबराहट होना और हिम्मत छोड़ देना भी इसमे देखा जाता है। ऐसा होने पर डॉक्टर से जरूर संपर्क करें।
Q. क्या पैनिक अटैक जानलेवा हो सकता है?
A. जी नहीं, पैनिक अटैक जानलेवा नहीं हो सकता। ऐसा होने पर हिम्मत रखें और तुरंत इलाज कराएं ।
Note: आप शेष सवाल-जवाब DB एप के लाइफ एंड साइंस सेक्शन में पढ़ कते हैं। डाउनलोड करें डीबी एप। (दैनिक भास्कर)